History Of Mumbai

History Of Mumbai

"मुंबई' {मुंबाआई] का इतीहास

प्रमाण या प्रूफ के लिहाज से धरती की सबसे पुरानी चीज है वो है हमारे मुंबई के अंधेरी (पूर्व) एरिया में है, जिसे लोकक स्थानीय लोग " डोंगर के नाम से जानते हैं, इसका असली नाम है "गिलर्बट हिल"

आज से 6 करोड़ साल पहले एक टूटता तारा पृथ्वी से टकराया था जिससे पूरी डायनार्सोस की प्रजाती खत्म हो गई और ज्वालामुखी विस्फोट हुआ, इसी दौरान 'गिलबट हिल का जन्म हुआ, और बेसाल्ट पश्थर का ढांचा दुनिया की सबसे पुरानी संरचना मे आता है जो समय के साथ आज भी खड़ा है... यह पहाडी मानव जाती की सोंच से और धरती पर मौजूद किसी भी पेंड-पौधे या पर्वत श्रंखला से ज्यादा पुरानी है, मेसोजोवीक युग मे "ग्रोव कलि गिकबट जो एक भूवैज्ञानीक थे उन्होने इसकी खोज की थी यह हिल एक बेसाल्ट पथ्थर से बना एक मोनोलीय कॉलम है, जब ज्वालामुखी फटा, तब इसका कावा महाराष्ट्र, गुजरात और मध्यप्रदेश तक फैल गया, करीबन 50,000, 59 KM.

इसी की तरह दुनिया मे और दो जगह ऐसे ही पाहाड मीके हैं, जो ज्वालामुखी विसफोट के बाद बने हैं और इतने ही पुराने हैं

1) डेविल्स टावर नैश्नल मोन्यूमेन्ट (वियोनमिंग मे) और दूसरा C २) डेविकस पोस्टपाईक नैशनल मोन्यूमेन्ट जो ईस्टन केलेफोरनीया USA में है, 1952 'मे इसे नैशनल पार्क और 2007 मे " ग्रेड टू हेरिटेज स्टँकचर का दर्जा MCGM ने दिया

300 साल पुराना दुर्गा माता और गाँव देवी मंदीर पहाड की चोटी पर बने है, पहाड़ के उपर से शानदार नजारा दिखाई देता है,

पर्यटक स्थल बनाने के लिए - सुरक्षा, सौचालय, आरामगृह + आहार

ये हिल सिर्फ मुंबई का ही नही बल्की पूरे भारत की पहचान बन सकें इसीलीए "गिल्बट हिल की जानकारी आप सभी को बताऐं

महाकाली केस : पश्चिम मुंबई के जोगेश्वरी एरिया में "महाकाली गुफा है जो 1500 साल पुरानी है, अज्ञातवास के समय "पांडवों ने इन्ही गुफाओं मे शरण लीं थी, कोडिवीटा गाँव के पास है ये गुफाऐं.

एलिफेंटा केन्स गया था, : इस का असली निर्माण "सिकहारा राजा द्वारा किया हिंदू मान्यता के अनुसार पाण्डव और शिवजी के दानव भक्त "बाणासुर "इन गुफाओं मे रह चुके हैं,

इन गुफाओं में शिल्प कला के कक्षों में अर्धनारेश्वर कल्याण, सुंदर, शिव, रावण द्वारा कैलाश परबत को ले जाना अंधकारी मुर्ती, और नटराज शिव की उल्लेखनिय छवियाँ दिखाई गई हैं, महत्ववपूर्ण गुफा है' महेशमुर्ती की जिसमे पेहली मुर्ती है

1) त्रिमुर्ती - सदाशिव की 20 फीट ऊँची प्रतिमा,

नटराजा - नृत्य के देवता, योगेश्वरा - ध्यान के देवता... 3

ये टापू, सिर्फ 24 कि.मी का है, दो पहाड़ हैं 490 फीट के, तीन गाँव हैं। सेत बंदर २) मोरा बंदर और 3) राज बंदर एलीफेंटा फेस्टीबल को फेबरुअरी महिने मे मनाया जाता है.

MTDC द्वारा आयोजित किया जाता है दो दिन पोरट्युगल के लोगों ने गुफा से संबंधीत दावों को भी नष्ट किया, हर सोमवार को " एलीफेंटा केव्स बंद रहता है, लिए,

मुंबई जलवाहतुक औदयोगिक सहकारी संस्था मर्यादित ही संस्था ची सर्विस आहे "मोरा, "रेक्स, एक घंटा हार्बर बोटिंग गाईडेड टूर और एलीफेंटा केव्स गाईडेड टूर के लिए डेली सिर्विस चलती है

बोट का किराया :

मोरा

केल्स की टिकट भारतीय केस की टिकट विदेशी

हार्बर बोटिंग गाइडेड टूर एलिफेंटा केव्स ऑडियो गाईडेड टूर - फोटो खिंच सकते है

आयलैन्ड टेक्स

लोट का किराया (आना जाना) फोट लगती लेकिन विडीयोग्राफी सक्त मना है,

गुफाओं को देखने के लिए 120 सिढीयाँ चढ़नी होंगी, बुजुर्ग महि माहक अगर गर्भवती हैं तो उनके लिए लकड़ी की कुर्सियों पर बैठक बैठकर जा सकते हैं, जिसकी सेवा गाँव वाले कुछ पैसे लेकर देते हैं आयलैंड पर रेस्टूरेण्ट, और सौचालय की सुविधा हैं, इन गुफाओं को मानव निर्मीत नही मानते,

इस टापू पर एक हाथी की मुर्ती, थी, जिसके कारन इसका नाम एलीफेंटा पड़ा, आज वो हाथी की मुर्ती भायखल्ला

म्यूजीयम् मे रखी गई है, 7 गुफाओं मे से 5 गुफा हिंदू संस्कृती को दर्शाती है और 2 गुफा बुद्धिस्ट संस्कृती को दर्शाते हैं,

एलीफेंटा घूमते समय बोट को रिर्टन टिकीट का ध्यान रखें लाईफ जैकेट मांगकर पेहन्नीए,

शुद्ध-साफ हवा, खुबसूरत नजारा और मधुर गाने का आप बोट मे आनंद ले सकते हैं,

बुजुर्ग, नेच्चे और कीमती चीजों का ध्यान रखें,

बाबुलनाथ मंदीर 1. सन 1780 में इसे बनाया था मंदीर के अंदर का शिविरगम शिव लिंगा को सन 12वी सदी में राजा क भिमदेव सोलंकी ने बनवाया था, कुछ समय के लिए ये मंदीर जमीन मे दब गया बाद मे इसे ढूंढकर सन 1780 मे इसे बनाया

बान गंगा :: यह जगह शिव भगवान को समर्पित है भगवान श्री रामचंद्रजी अपनी पत्नी श्री सीता माता को लेने यहाँ पहुँचे थे, तब उन्हे प्यास लगी, उन्होने श्री लक्षमण अपने छोटे भाई से ये बात कही, तभी श्री लक्ष्मण ने जहाँ तीर मारा वहीं से मीठा पानी निकलने लगा, मलाबार हिल के खारे पानी के बीच है, थे पानी नीकलकर टैंक मे जमा होता है, सन 1127 ए डी मे श्री लक्ष्मण प्रभु" जो सिल्हारा हायनेस्टी मे मंत्री थे उन्होने बनवाया था, "श्री रामा कामत ने 1915 मे इसका फिर से निर्माण करवाया, यहाँ की देखभाल "गौड सरस्वत ब्राह्मण समाज के लोग करते हैं,

सन 1294 में मुंबई का पहला नाम रखा गया 'महिकावती' सन 1334 तक राजा "श्री भिमदेव सोलंकी ने यहाँ राज किया,

'गुजरात के मुसलम बादशाह" अहमद शाह" ने राजा श्री " भिमदेव सोलंकी को हराकर मुंबई को जीत लिया.

उनके राज में चौदहवी सदी के अंत से पेहले "मखदूमशाह बाबा की दर्गाह बनाई गई, सन 1372 मे बनाने का काम हुआ,

"मखदुम अली माहिमी शकी एक संत और अंतरराष्ट्रीय विदवान थे, મતકુમ "सुलतान "एहमद शाह "गुजरात के बहन से उनकी शादी हुई थी, वो एक अरबी व्यापारी ईराक से आकर माहिम मे बस गए थे, वे मुसलीम मुख्य न्यायाधीश भी रहे, कुतुब-ए-कोकण से सम्मानीत

कीया गया.

सभी धर्मों के लोग यहाँ ईबादत के लिए आते हैं, 1431 मे देहांत के बाद चाहनेवालों उन्हें दफनाकर दरगाह बनाई, मुसलीम समाज मे ये काफी सममानीय हस्ती के रूप मे माने जाते हैं, ,

सैय्यद पिर 'हाजी अली शाह बुखारी

उबेजकिस्तान के अमीर व्यापारी घराने मे इनका जन्म हुआ, वह एक शांत स्वभाव के सुफी थे, मक्का जाने के समय वो बिमार पड़े और उनका देहांत हो गया. उन्होंने कई गरीबों की मदद की, एक बार अपनी उँगली को जमीन मे घुमाकर तेल निकाला,

दूरगाह मेन रास्ते से 500 मीटर अंदर है,

दिन मे दो बार जब दरिया मे बढ़ जाता है तो रास्ता बंद हो जाता है, हर शुक्रवार या मुस्लीम त्योहारों के समय काफी ज्यादा (भीड) दर्शन / नमाज के लिए श्रद्धाळू आते हैं,

गुजरात के मुस्लीम शास्कों का राज 11 334- से लेकर सन 1534 तक चला ( पूरे 200 साक)

फिर आए पोरटयूगीज, उन्होने अपने साथ हंथीयार और आफ्रिकी गुलाम लाए थे, जिनके दम पर उन्होने गुजरात के मुस्लीम शास्कों से मुंबई को जीत लिया, व्यापार के लिए मुंबई के सात टापुओं को जोड़ा, और शेहर का नाम महिकावती से बदलकर "बोमवेयन रखा,

पोरटयूगीन भाषा मे अच्छे बंदरगाह को बोमवेयन कहते हैं, बेसीन - याने आज का वसई ये पेहले शहर था और सकैसेत याने

छाछस्ट याने 66...

पोरटयूगीन राज मे बोहत चर्चेस बनाई गई :

आवर लेडी ऑफ सेलवेशन चर्च : 1596 मे इसे बनाया गया

सेंट मईकलस चर्च

: 1534 मे इसे बनाया गया

सेंट एन्ड्रीव्स चर्च

1575 मे इसे बनाया गया 1579 में इसे बनाया गया,

सेंट बैपीस्ट चर्च

सेंट ग्लोरियास चर्च

108 साल लगे बनाने मे 1913 में खोला गया. (नई बिल्डींग को 1632 मे बनाया गया)

फिर आए ब्रिटीश

वो जानते थे की कढाई करके मुंबई को पोरटयूगीज से हासील करना काफी मुशकील था, ब्रिटिश ने एक आइडिया एक तरकीब सोंची उन्होंने पोरट्यूगीन राजकुमारी कैथरीन ऑफ ब्रिगेंशा की और ब्रिटीश प्रिंस चार्लस टू की शादी की बात रखी और दहेज मे मुंबई को मांग लीया, ग्याराह मई 1661 को इनकी शादी हुई, और दहेज मे मुंबई ब्रिटिश का हो गया,

पोरटयूगीज का राज 1534 से लेकर 1661 तक चला.

मुंबा देवी मंदीर

इस मंदीर के दर्शन मात्र से लोग फर्श से अर्श तक पहुंच जाते हैं, सन 1635 मे मुंबई का सबसे बडा मंदीर "मुंबा देवी बनाया गया, मुंबा आई याने मुंबई की माता का नाम है, भुलेश्वर के काललादेवी मै य मंदीर स्थीत है, करीबन 400 साल पुराना है,

1737 में कोली समाज को लोगों ने इसका निर्मााण करवाया, हर मंगलवार को काफी भीड होती है, यहाँ मांगी गई मुराद कभी खाली नही जाती ऐसा श्रद्धालुओं का मानना है, मुंबा माता लक्ष्मी का रूप माना जाता है, इसीलिए इसे लक्ष्मी का घर भी कहते हैं, हर शुभ काम से पेहले मछवारे इनकी पूजा करते हैं, क्योंकी उनकी ये मान्यता है की मुंबादेवी समुद्र से आने वाली हर परेशानी से बचाती हैं, मंदीर मे 6 बार आरती होती है, मुंबा याने लक्ष्मीइसीलीए मुंबई को मायानगरी भी कहते हैं, पाण्डु सेठ ने मंदीर की जगह दाने मे दी थी, और उनके वंशज ने देख-भाल की है,

पेहले ये मंदीर CSTM के पास था

नौसेना  गोदीवाडा

सन 1735 मे नेवल गोदीवाडा बनाया गया था, मुंबई में बंदरगाह, के कारण यहाँ से देश की G.D.P को अच्छा योगदान है, नाही सिर्फ राज्य बल्की अंतराष्ट्रीय सतर पर हमारी देश की रक्षा करते है,

पारसी समाज

उसी दौरान सन 1640 मे इरान देश मे मुस्लीम लीग शुरू हुआ था पारसी लोग अपने धर्म "जोरेस्ट्रोनिजम" को बचाने के लिए हमारे देश मे आए। दोराबजी नानाभोय पटेल पहले पारसी थे जो मुंबई आए थे, इनका पसंदीदी रंग है पिला, "पारसी अग्यारी, वेल या टॉवर ऑफ साइलेंस में किसी भी धर्म-जाती के लोगों का अंदर J

जाना सक्त मना है,

C 1902 में मुंबई की सबसे बड़ा पोस्ट ऑफिस बनाया गया था

1903 पुराना ताज महल पैलेस होटल बनाया गया

2 Dec. 1911

मे गेटवे ऑफ इंडिया को बनाया गया,

10 Jan 1922

1922

को छत्रपति शिवाजी महाराज वस्तू संग्राहल्या को और आम जनता के लिए इसे खोला गया, बनाया

ओल्ड कस्टम हाऊस को बनाया गया था,

1930 मे पवन हंस आज का हैलीपैड स्टेशन ये सबसे पेहला हवाई जहाज ने उड़ान भरी थी मुंबई से कराची तक,

1933 पायलट थे "जे आर डी टाटा मे रिगल थियेटर को बनाया गया था,

मे पुराना R.B. I. बनाया गया, और उसी समय

1937 विधानसभा भवन का भी निर्माण हुआ,

11 Oct 1946

भारत

के सबसे पहले कंप्यूटर जुनक 'श्री विजय भटर

जीनका जन्म महाराष्ट्र

के मोरबा गाँव मे

1951 तारापोरवाला मछलीघर को बनाया गया था, 1952 जहाँगीर आर्ट गैलेरी बनाई गई,

1960 मे फ्लोरा फाउन्टेन को बनाया गया था,

1991 मे लियोपोल्ड केके बनाया गया था > (26/11 को यहाँ आतंकवादी हमला हुआ था।

1995

में 'शिवसेना की सरकार बनी तल "बोमले ये नाम बदलकर "मुंबई "रख्खा गया,

1997

हुआ था,

मे बेग्गरस एक्ट लागू कीया गया, यू एन ट्रेड डेवेलोपमेंट एक्ट-120 देशों ने 7.45 बिलीयन का अमीर देशों से लिया, हर साल 500 मीलीयन डॉलर व्याज के रूप से अमीर देश कमाते हैं, कर्जा

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